मेढ़क मामामेंढक मामा छाता लेकर,कुछ लेने बाजार चले। पानी बरस रहा था रिमझिम,मगर जरूरी काम चले। जैसे ही दो कदम चले, कीचड़ में वह फिसल पड़े। धरती पर गिर पड़े धड़ाम, मुंह से निकला, 'हाय राम'!
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